भानु प्रकाश नेगी।
-बड़ती जनसंख्या भारत सहित विश्व के लिए लगातार खतरनाक होती जा रही है।बड़ती जनसंख्या के कारण लगातार ग्लोबल वार्मिग हो रही हो रहीं है। जिससे विश्व के समुद्रतटों पर बसे शहरों पर खतरा मंडराता जा रहा है।साथ ही ग्लिसियरों के गलने से जल संकट पैदा होने लगा है। संयुक्त राज्य अमेरिका की ताजा जनगणना व्यूरो के अनुसार विश्व की जनसंख्या 7.54 अरब है। जिसमें भारत की अनुमानित जनसंख्या सवा करोड़ है।विश्व जनसंख्या दिवस पर उत्तराखंड सहित भारत की क्या है स्थिति देखते है। एक रिपोर्ट-
जनसंख्या विस्फोट न सिर्फ भारत की बल्कि विश्व की एक बड़ी समस्या बनी हुई है।उत्तराखंड के परिपेक्ष में जनसंख्या नियंत्रण में लेकिन देश में साल दर साल बड़ती जनसंख्या एक विकट समस्या बनी हुई है। उत्तराखंड में एचआरएमएम के पूर्व डायेक्टर डॉ अजीत गैराला का कहना है पिछले 50 सालों में भारत सहित विश्व की जनसंख्या में विस्फोट हुआ है। 1947 में जहां भारत में 37 करोड़ लोग थे वही 2011 की गणना में एक अरब़ 21 करोड़ के लगभग हो गया है।जनसंख्या धनत्व के कारण ओवर क्राउडिंग हो गया है। जिसके कारण देश की अपेक्षित प्रगति नहीं हो पाई है।
अधिक जनसख्या किसी भी देश की आर्थिक,सामाजिक उन्नित में हर हाल में सही नही मानी जा सकती है। जनसंख्या की अधिकता के कारण न तो स्वास्थ्य सेवायें सुचारू रूप से मिल पाती है और न ही स्वास्थ्य की। वही देश में एक समुदाय में जनसंख्या वृद्वि के आंकडे लगातार बडते जा रहे है।इसके कारण देश में असंतुलन की स्थिति पैदा हो रही है। वरिष्ठ पत्रकार व लेखक डॉ योगम्बर सिंह बर्त्तवाल का कहना है कि नियम सबके लिए एक जैसा होना चाहिए ।दो बच्चों तक सीमीति रहना चाहिए देश में जनसंख्या नियत्रंण का कानून हर किसी के लिए एक समान होना चाहिए। एक समुदाय की जनसंख्या अधिक होने से उसमें सामाजिक कुरीतियों सामने आ रही है।और सामाजिक असंतुलन पैदा हो रहा है।
जनसंख्या नियंत्रण के लिए सरकार की नीतियां व जन जागरूकता आवश्यक होती हैं।वर्तमान मोदी सरकार में कुछ समय पहले जनसंख्या नियंत्रण कानून का बिल लोकसभा में भी लगाया गया था। जिसमें दो बच्चों के बाद सरकारी सेवाओं के लाभ पर प्रतिबंध लगया गया था। लेनिक यह बिल अभी राज्यसभा में पास नहीं हुआ है। भाजपा प्रदेश प्रवक्ता संजीव वर्मा का कहना है। कि जनसंख्या एक बहुत बड़ी समस्या के रूप् में सामने आ रही है।यह हर प्रकार से देश हित में नहीं है। हमारी सरकार ने इसी को देखते हुये निकाय चुनावों व पंचायत चुनाओं में दो बच्चों से अधिक वाले उम्मीदवारों को पर प्रतिबंध लगा दिया है।
जनसंख्या विस्फोट भारत सहित विश्व की बडी समस्या बनी हुई है।एक ओर बड़ती जनसंख्या के कारण ग्लोबल वार्मिग से ग्लेसियरों पर संकट आ गया है।वहीं दूसरी अधिक जनसंख्या के कारण भारत जैसे देश में शिक्षा, स्वास्थ्य जैसी बुनियादी सुविधायें भी ठीक से नहीं मिल पा रही है। संसद में जनसंख्या नियंत्रण बिल पर बहस तो हुई है लेकिन राज्यसभा में इसे मंजूरी नहीं मिल पाई है।जनसंख्या पर नियंत्रण तभी लग पायेगा जब सभी समुदाय के लोगों के लिए देश में एक जैसा सख्त कानून लागू किया जाय,वरना जनसंख्या विस्फोट के साथ साथ भारत समेंत कई देशों में सांप्रादायिक असमानता की स्थिति जन्म लेने लगी है।