जब मन में कुछ खास करने का हो तो रास्ते खुद ब खुद बन जाते हैं। सरकारी सेवा के साथ समाज सेवा किस तरह की जाती है? यह सब संदीप गुप्ता से सीखने की आवश्यकता है। गरीब और जरूरतमंदों के मसीहा के नाम से अपनी अलग पहचान बना चुके संदीप गुप्ता जरूरतमंद और गरीबों में हर रविवार को जूते, चप्पल। और तमाम खाने वह जरूरत की चीजों को बांट कर। गरीब और जरूरतमंदों की सेवा कर रहे हैं।
संदीप गुप्ता वर्ष 2016 से जरूरतमंद बच्चों को मुफ्त में जरूरत का सामान बांटते है। संदीप की संस्था। “मैं हूं सेवादार” से प्रदेश भर में लगभग 200 से अधिक हैं लोग जुड़े हैं। आपको बता दें संदीप गुप्ता गांधी नेत्र चिकित्सालय में लैब असिस्टेंट के पद पर हैं। उनके इस नेक काम में उनका हाथ आनंद रावत, मीनाक्षी रावत, संदीप मुखर्जी, चंदर सिंह, जसवंत सिंह रावत, अरुण शर्मा, सुभाष शर्मा, डॉक्टर प्रवीण मित्तल, चंद्र गुप्ता। आदि लोग दे रहे हैं।
संदीप गुप्ता का कहना की उनको यह प्रेरणा उनकी बेटी वसुंधरा से मिली है। एक रोज सर्दी के दिनों में वह अपनी बेटी को स्कूटर से छोड़ने स्कूल जा रहे थे। उसी दौरान वसुंधरा की नजरें छोटे-छोटे बच्चों पर पड़ी बच्चे नंगे पांव गुबारे बेच रहे थे। उन्हें देखकर वसुंधरा ने कहा पापा क्या मैं अपने जूते इन बच्चों को दे दूं उसी दिन से संदीप ने जरूरतमंद बच्चों की सेवा करने की ठान ली संदीप बताते हैं कि वह हर रोज अपने थैले में राहत सामग्री भरकर घर से ऑफिस के लिए निकलते हैं। संदीप के इसने काम में अक्सर आर्थिक समस्या आ जाती है इसके चलते वे अधिक बच्चों को राहत सामग्री नहीं बांट पाते हैं। संदीप ने बताया कि वह संस्था के सदस्यों के साथ मिलकर जरूरत का सामान जुटाने का काम करते हैं। भोजन की बर्बादी रोकने के लिए संदीप ने यह अभियान जुटाया है। उनके थैले में जागरूकता पोस्टर हर रोज रहता है। समाजसेवी संदीप गुप्ता अभी तक सदस्यों के साथ मिलकर 24 स्कूलों में राहत सामग्री बांटी है। जिनमें धर्मपुर, आराघर, सुंदर वाला, रानीपोखरी, लच्छीवाला, बीजापुर डैम, चकराता, लावणी, राजपुर, रामगढ़ फन वैली, धौलाधार आदि प्रमुख हैं।