श्रीनगर गढ़वाल बेस अस्पताल को क्यों ना रक्षा मंत्रालय को सौंप जाए
उत्तराखंड के श्रीनगर गढ़वाल स्थित राजकीय मेडिकल कॉलेज के बेस अस्पताल की बेहतरी और श्रीनगर एनआईटी को सुमाड़ी में स्थापित करने हेतु पिछले कई वर्षों से प्रयासरत समाज सेवी मोहन काला ने पिछले दिनों प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एवं मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावडेकर को पत्र लिख एवं मुलाकात कर,निवेदन किया था की एनआईटी का निर्माण जल्द से जल्द सुमाड़ी में शुरू किया जाए और श्रीकोट बेस अस्पताल को सेना या किसी नीजि संस्थान को सौंपा जाएं। ताकि जो अस्पताल गढ़वाल क्षेत्र की जनता को स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराने के उदेश्य से 27 वर्ष पूर्व स्थापित किया गया था उसे बुरी स्थितियों से निकाला जा सकें।
गढ़वाल क्षेत्र के इस अस्पताल में हर रोज लाखों लोगों अपने स्वास्थ्य की बेहतरी के लिए आते हैं। लेकिन इस अस्पताल की वास्तविक स्थिति का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि छोटे-छोटे स्वास्थ्य केन्द्रों के लिए रेफरल सेंटर के तौर पर इस्तेमाल होने वाला बेस अस्पताल आज खुद रेफरल सेंटर बन गया है। आवश्यक चिकित्सकों, पैरामेडिकल स्टाफ और तकनीशियनों की कमी से जूझते अस्पताल में ठप्प आवश्यक जांचों से कैसे मरीजों का इलाज होगा ये एक बड़ा सवाल है।इसे पहाड़ का दुर्भाग्य ही कहा जाएगा की1 जनवरी 1989 में शुरू हुआ राजकीय बेस अस्पताल श्रीनगर की तुलना वर्तमान में आईसीयू में भर्ती किसी मरीज से की जाती है। इसे आईसीयू से बाहर निकालने के लिए समाज सेवी मोहन काला निरंतर संघर्षरत है।पहाड़ की जनता को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं मिल सकें,पहाड़ का जीवन स्वास्थ्य के अभाव में अपने जीवन को न खोए,इसके लिए समाज सेवी मोहन काला निरंतर प्रयासरत है। इसी कड़ी में उन्होंने प्रधानमंत्री को पिछले दिनों पत्र लिखा था। जिसके जवाब में प्रधानमंत्री ने उत्तराखंड सरकार को लिखा हैं कि वह बेस अस्पताल को सेना या किसी नीजि संस्था को सौंपने के मामले में गंभीरता से विचार करते हुए भारत सरकार को जल्द से जल्द अपना प्रस्ताव भेंजे ताकि हम उस पर कुछ बेहतर निर्णय ले सकें।
इस विषय पर समाज सेवी मोहन काला का कहना हैं कि प्रधानमंत्री और स्वास्थ्य मंत्रालय से पत्र आने के बावजूद भी उत्तराखंड सरकार ने अभी तक इस विषय पर कोई संज्ञान नहीं लिया है। जिसे दिखते हुए कहा जा सकता हैं कि उत्तराखंड सरकार पहाड़ के विकास और पलायन को रोकने के लिए कितनी गंभीर है।